भारत : 75 सालों का वित्तीय सफर
भारत : 75 सालों का वित्तीय सफर
जब देश 1947 में आजाद हुआ था तो इसकी जनसंख्या 34 करोड़ थी जो कि आज 2022 में 134 करोड़ से ऊपर है। उस समय GDP लगभग 2.5 लाख करोड़ रूपये थी जो कि आज 235 लाख करोड़ रूपये से अधिक है।
आइये नज़र डालते हैं देश के इन 75 सालों के वित्तीय सफर पर ----
परिवहन विभाग (Transportation Segment) :
1947 में देश के National Highways की कुल लंबाई 24,000 किमी थी जो अब 1,40,115 किमी हो गई है।
Indian Railway अब दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्कों में से एक है जिसमें 1,21,520 किमी ट्रैक और 7,305 स्टेशन शामिल हैं।
बैंकिंग विभाग (Banking Segment) :
1991 में अर्थव्यवस्था का वैश्वीकरण करके औद्योगिक लाइसेंसिंग प्रणाली को समाप्त कर दिया गया और अर्थव्यवस्था को निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी के साथ-साथ विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया।
1947 में देश में जहां लगभग 650 निजी बैंक थे जिनकी लगभग 5000 के आसपास शाखाएं थीं वही आज 12 सरकारी बैंकों, 22 निजी क्षेत्र के बैंकों, लगभग 40 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और 45 विदेशी बैंकों के 1 लाख 20 हजार से ऊपर शाखाएं देश में कार्यरत हैं।
कृषि विभाग (Agriculture Segment) :
• भारत अब दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता राष्ट्र बन चुका है।
• भारत चीनी का यह दूसरा बड़ा उत्पादक देश है।
• भारत कपास का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
• 1970 में, श्वेत क्रांति ने देश को दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश में बदल दिया।
इनके अतिरिक्त :
1950 में सिर्फ 3,061 गांवों में बिजली उपलब्ध थी, जबकि 2020 तक 5,97,376 गांवों में विद्युतीकरण किया गया।
भारत Pharmaceutical में अब एक प्रमुख उत्पादक देश है और नई दवाओं के विकास के लिए नित नए research कर रहा है।
80 दशक के मध्य में बड़े पैमाने पर कम्प्यूटरीकरण का आगमन होता है और आज भारत को एक विशाल आईटी शक्ति के रूप में माना जायाहै।
इन 75 सालों में हमने नई ऊँचाईयों को लगातार छुआ है लेकिन अभी भी हमें विकासशील (Developing) से विकसित (Developed) देश बनना बाकी है। उम्मीद है, आने वाले सालों में हम जल्दी ही इसे हासिल करेंगे।
आप को ये article कैसा लगा, हमें अवश्य बतायें...
Comments
Post a Comment