भारत में 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता

 भारत में 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता

      अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि भारतीय  अर्थव्यवस्था ऐसे समय में तेजी से उभर रही है जब दुनिया मंदी की संभावनाओं का सामना कर रही है।


     दुनिया पर बढ़ते मंदी (Recession) के खतरे के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने Financial Year 2022 - 23 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर (Economic Growth Rate) के अनुमान को घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इसे जुलाई में 8.2 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया था और अब एक बार फिर इसमें कटौती की है।
  
  
      भले ही वैश्विक हालातों को देखते हुए आईएमएफ ने अपने पूर्वानुमान में कटौती की हो, लेकिन उसने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र भी किया है कि दुनिया के तमाम देशों में मंदी के खतरे के बीच भारत (India) सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और आने वाले समय में भी तेजी से आगे बढ़ेगा।

     अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि यहां इमारतों और सड़कों में निवेश तो हो ही रहा है लेकिन अगर मानव संसाधन, मानव पूंजी, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि में निवेश हो तो भारत तेजी से आगे बढ़ेगा। 


      अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एक अन्तरराष्ट्रीय संस्था है, जो अपने सदस्य राष्ट्रों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर दृष्टि रखने का कार्य करती है। यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती है। 


Comments